मिथक और स्वप्नःकामायनी की मन सौन्दर्य सामाजिक भूमिका
रमेश कुन्तल मेघ(Ramesh kundhal megh)
मिथक और स्वप्नःकामायनी की मन सौन्दर्य सामाजिक भूमिका Midhak our sawpan:kamayani ki mansawntharya samajik bhoomika - Kanpoor Grendham 1967 - 218p.
Alochanakavitha--Hindi sahithya
Criticismpoetry--Hindi Litreature
आलोचना-कविता-हिन्दी साहित्य
821(H)-1.09JAYA / RAM/M
मिथक और स्वप्नःकामायनी की मन सौन्दर्य सामाजिक भूमिका Midhak our sawpan:kamayani ki mansawntharya samajik bhoomika - Kanpoor Grendham 1967 - 218p.
Alochanakavitha--Hindi sahithya
Criticismpoetry--Hindi Litreature
आलोचना-कविता-हिन्दी साहित्य
821(H)-1.09JAYA / RAM/M