समाज - मनोविज्ञान के सन्दर्भ में जैनेन्द्र का कथा साहित्य
नीरजा राजकुमार (Neeraja Rajkumar)
समाज - मनोविज्ञान के सन्दर्भ में जैनेन्द्र का कथा साहित्य SAMAJ - MANOVIJAN K SANDARB MEM JAINADRA KA KATHA SAHITY - DELHI SURYA PRAKASHAN 1988 - 344p
Criticism - Novel - Hindi Litreature
आलोचना - उपन्यास - हिन्दी साहित्य
Alochana-Upanyas - Hindi Sahity
821(H)-3.09JAIN / NEE/S
समाज - मनोविज्ञान के सन्दर्भ में जैनेन्द्र का कथा साहित्य SAMAJ - MANOVIJAN K SANDARB MEM JAINADRA KA KATHA SAHITY - DELHI SURYA PRAKASHAN 1988 - 344p
Criticism - Novel - Hindi Litreature
आलोचना - उपन्यास - हिन्दी साहित्य
Alochana-Upanyas - Hindi Sahity
821(H)-3.09JAIN / NEE/S